जरूरत से ज्यादा सोचा ना कर ए दोस्त
जरूरत से ज्यादा सोचा ना कर ए दोस्त,
कुछ भी कर
पर जिंदगी को समझदारी से जी कर तो देख।
हर कोई में भिन्नता है इसीलिए ,
खुद को किसी पर तुलना ना कर ए दोस्त।
जरूरत से ज्यादा सोचा ना कर ए दोस्त
पर जिंदगी को समझदारी से जी कर तो देख।।
सन्तोष्टि हे तो खुशहाल जिंदगी है दोस्त,
नहीं तो सब भूँँचाल है दोस्त।
संतुष्ट बना ले खुद को,
नहीं तो सब दुखों की बरसात है दोस्त।
जरूरत से ज्यादा सोचा ना कर ए दोस्त,
कुछ भी कर
पर जिंदगी को समझदारी से जी कर तो देख।
समस्या को समस्या ना समझ ए दोस्त,
समस्या को समस्या ना समझ ए दोस्त,
समस्या आए तो समाधान कर ले ए दोस्त।
कुछ भी कर
पर जिंदगी को समझदारी से जी तो लो दोस्त
कुछ भी कर
पर जिंदगी को समझदारी से जी तो लो दोस्त
हर कोई में भिन्नता है इसीलिए ,
खुद को किसी पर तुलना ना कर ए दोस्त।
जरूरत से ज्यादा सोचा ना कर ए दोस्त
पर जिंदगी को समझदारी से जी कर तो देख।।
धरती पर कदम रख ही लिया है जब,
जीना तो पड़ेगा कैसे भी अब।
चलो जीते हैं खुल कर हम,
हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई
मनुष्य ही तो है हम।।
राजू छेत्री द्वारा लिखित।।
Written by - Raju Chetry
Https://mythinking concept.blogspot.com
धरती पर कदम रख ही लिया है जब,
जीना तो पड़ेगा कैसे भी अब।
चलो जीते हैं खुल कर हम,
हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई
मनुष्य ही तो है हम।।
जरूरत से ज्यादा सोचा ना कर ए दोस्त,
कुछ भी कर
पर जिंदगी को समझदारी से जी कर तो देख।।
राजू छेत्री द्वारा लिखित।।
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