मैं कोई  मुल्यहीन इन्सान नहीं हुँ जनाब

                                      -राजु छैत्री।

मैं कोई  मुल्यहीन इन्सान नहीं हुँ जनाब,
जो हर किसी के हा पर हाँ मिलाऊँ।
किसी के झूठ मैं भी हा बोलु 
और
किसी कि गलत मैं कुछ ना बोलुँ।
और इसका मतलब यह नहीं कि मैं हर किसी से मिल नहीं सकता,
इसका मतलब आप मुझसे मिल नहीं सकते, क्योंकि सच्चाई आपकी बस मे नहीं।
जो सच्चे है, वह खुद जुड़ जाएंगे।
नकली तो दोषी ठहराएंगे।।

कडक बोलता हूँ,
सच बोलता हूँ।
मर जाऊँगा ,फिर भी झूठ के सहारे नहीं जिऊंगा।

एक झूठ से अगर किसी को हानी पहुचाएं, तो वह पाप है।
और
एक झूठ से किसीको हानि ना पहुंचाए और उस्से किसीको लाभ हो,
तब उस परिस्थिति के अनुसार मुझे झूठ बोलना पडे तो मैं बेशक तैयार हुगां।

सच्चाई हमेशा जितती है और जितता रहेगा,
और झूठे खुदकी नजर मैं गिरे हुए होते हैं,
तो दुनिया कि नजरों मैं क्या मुल्य होता हैं उनका।

सच्चे को सच्चाई और बुरे को बुराई अच्छा लगता हैं जनाब,
बुरे को खत्म करने मे एक सच ही काफी होती हैं जनाब।
आप कुछ भी करलो ,
उपरवाले उसकी साथ देते है जनाब।
मैं कोई  मुल्यहीन इन्सान नहीं हुँ जनाब।

सच्चाई और झूठ के बीच संघर्ष

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